Social worker in Delhi – दिल्ली के सामाजिक कार्यकर्ता
किसी भी आदर्श समाज में गौरवपूर्ण स्थिति ये है कि सबको समान अधिकार, अवसर, सम्मान एवं विकास के लिए समान पैमाना होना चाहिए। परन्तु कुछ स्वार्थपरक एवं असमाजिक तत्वों के हस्तक्षेप के कारण समाज के सुचारु संचालन में बाधा उत्पन्न होती है। फिर जनता को उनका हक एवं अधिकार दिलाने के लिए किसी सामाजिक कार्यकर्ता को ही खड़ा होना पड़ता है।
ऐसे में दिल्ली के अंदर रवि तिवारी जी ने समाज के अंदर जनकल्याण का बीड़ा उठाया। बिना किसी सरकारी पद के भी उन्होंने जनता के लिए कई प्रभावशाली कार्य किए हैं। वो स्वयं को सामाजिक कार्यकर्ता कहलाना अधिक पसन्द करते हैं। रवि तिवारी जी वर्तमान में भारतीय जनता युवा मोर्चा, बाहरी दिल्ली के जिला उपाध्यक्ष हैं। लेकिन वो कहते हैं कि उन्होंने राजनीति को जनता की सेवामात्र के लिए ही चुना है।
किसी भी प्रकार का व्यक्तिगत लाभ अर्जित करना उनकी प्राथमिकता में कभी नहीं रहा और न ही होगा। उनका प्रत्यक्ष राजनीतिक सरोकार सिर्फ़ क्षेत्र की जनता के जीवन स्तर में सुधार है।
दिल्ली में सामाजिक कार्य का महत्व?
दिल्ली जैसे महानगर के भीतर समाज के अलग-अलग तबके पाए जाते हैं। ऐसे में उनकी सुविधा के लिए जन प्रतिनिधि भी उपलब्ध हैं। लेकिन जब ज़िम्मेदार लोग ही अपनी ज़िम्मेदारी से मुँह मोड़ने लगेंगे तो जनता कहाँ जाएगी? ऐसे में दिल्ली के अंदर सामाजिक कार्य का महत्व काफी बढ़ जाता है। यहाँ आर्थिक असमानता, शिक्षा के अवसर में भिन्नता, पीने का स्वच्छ पानी जैसी दैनिक मूलभूत आवश्यकताओं के लिए भी जनता को संघर्ष करना पड़ता है।
और सरकारों की हालत तो हम जानते ही हैं कि कैसी है? अब सिर्फ सरकार अपना कार्य ठीक ढ़ंग से करने लग जाए तो अन्य किसी सामाजिक इकाई का कोई औचित्य ही नहीं है। परन्तु सरकारों के ठीक ढ़ंग से कार्य न करने की स्थिति में अन्य लोगों को उत्तरदायित्व उठाना पड़ता है। दिल्ली जैसे शहर के अन्दर मुद्दों की कमी नहीं है। यदि आप जीवन में समाज के लिए कुछ सार्थक कार्य करना चाहते हैं तो आपके पास पर्याप्त अवसर हैं कुछ कर दिखाने का।
दिल्ली के अंदर भुखमरी, गरीबी, बेरोज़गारी, अशिक्षा, दूषित वायु, बढ़ता प्रदूषण जैसी समस्याएँ आम हो चुकी हैं। यदि आपको लगता है कि आप सुविधा-सम्पन्न हैं और समाज एवं देश के लिए कुछ करना चाहते हैं तो किसी भी क्षेत्र में आप शोषित एवं वंचितों का सहारा बन सकते हैं। जैसे रवि तिवारी जी समय-समय पर लोगों के अवरूद्ध पड़े कार्य करते रहते हैं। इसके लिए आपके अन्दर मानवीय सेवा के मूल्य होने चाहिए।
रवि तिवारी जी द्वारा किए गए सामाजिक कार्य?
रवि तिवारी जी का राजनीति में प्रवेश लेने का प्रमुख उद्देश्य ही था कि मानव एवं समाज की सेवा के लिए अन्य प्रभावशाली विकल्पों को खोलना। किसी भी कार्य को करने के पीछे का उनका उद्देश्य शोषितों एवं वंचितों के जीवन स्तर को उठाना ही है। व्यक्तिगत रूप से समाज कल्याण का करने के पश्चात् यह बात लगभग सिद्ध हो चुकी थी कि औपचारिक रूप से राजनीति में प्रवेश करना ही पड़ेगा। अन्यथा व्यक्तिगत रूप से खर्च की तो एक सीमा है।
जो बजट ही जनता और समाज के विकास एवं उत्थान लिए आवंटित होता है। उसी धन को जनता तक बिना किसी बिचौलिए के पहुँचाने का कार्य किया जाए। इसी विचार के पश्चात् रवि तिवारी जी ने राजनीति में औपचारिक प्रवेश लिया। राजनीति में प्रवेश लेने से पूर्व उन्होंने अपनी पूरी पात्रता सिद्ध की हुई है।
ऐसे ही नहीं राजनीति में प्रवेश ले लिया कि जनता को बरगलाकर उनका वोट लेकर फिर उसके बाद अपना व्यक्तिगत लाभ साधेंगे। उन्होंने राजनीति में आने से पूर्व ही क्षेत्र की जनता के लिए स्वधन से विभन्न कार्य किए हैं जो उनको राजनीति में प्रवेश के लिए सुपात्र बनाता है। और सदैव समाज सेवा एवं सामाजिक कार्य को किसी भी प्रकार के व्यक्तिगत लाभ से ऊपर रखना एक अद्वितीय विशेषता है। इसी लेख में हम विभिन्न बिन्दुओं के माध्यम से रवि तिवारी जी द्वारा किए गए सामाजिक कार्य को जानने का प्रयास करेंगे।
मच्छरों की निशुल्क दवा का छिड़काव
नई दिल्ली के निहाल विहार वार्ड में मच्छरों का आतंक मचा हुआ था। गन्दगी से मच्छर पैदा होते थे। जिनसे कई जानलेवा बीमारियाँ पैदा हो रही थी। इलाके के लोग नारकीय जीवन जीने को मजबूर थे। न सरकार और न ही प्रशासन, किसी ने भी उक्त समस्या का संज्ञान नहीं लिया था। जिससे और भी अधिक अव्यवस्था फैल रही थी। लोगों के पास उस गन्दगी और बीमारी में जीने और बीमार पड़ने के अलावा दूसरा कोई चारा न था।
ज्ञात हो कि निहाल विहार में काफी बड़ी संख्या में गरीब एवं मजदूर परिवार रहते हैं। जो किसी तरह मजबूरी करके अपना और अपने परिवार का पेट पालते हैं। किसी भी तरह की बीमारी के चलते उनके पूरे परिवार की अर्थव्यवस्था खस्ताहाल हो जानी थी। इन परिस्थितियों में रवि तिवारी जी ने समाज के गरीब एवं शोषितों के लिए कुछ करने का निर्णय लिया।
और बिना किसी सरकारी सहायता के अपने व्यक्तिगत धन से मच्छरों की निशुल्क दवा का छिड़काव करवाकर लोगों को बीमारी और गन्दगी से राहत देने का कार्य किया। उन्होंने किसी भी प्रकार की प्रशासनिक एवं सरकारी सहायता का इन्तजार करना बेवकूफी समझा और उसे समय की बर्बादी बताया। अपने निजी धन से सभी संसाधन उपलब्ध करवाए एवं लोगों को राहत दिलाने का कार्य किया।
इसके अलावा कोरोना के समय प्रतिदिन 200 से अधिक लोगों को निःशुल्क भोजन करवाया। निहाल विहार वार्ड में निःशुल्क स्ट्रीट लाइट लगवाकर क्षेत्र की जनता को अंधेरे से राहत दिलाई। भूखे लोगों के लिए आकस्मिक भण्डारे का आयोजन तो होता ही रहता है। ये उपरोक्त कुछ सामाजिक कार्य जो रवि तिवारी जैसे कर्मठ सामाजिक कार्यकर्ता द्वारा किए गए हैं।
आशा करते हैं कि रवि तिवारी जी से प्रेरणा लेकर अन्य लोग भी इसी तरह सामाजिक उत्थान की राह में अपनी क्षमतानुसार योगदान देंगे। जिससे समाज के अन्दर गरीबी, भुखमरी, अशिक्षा, आर्थिक असमानता जैसी समस्याओं का उचित एवं स्थायी समाधान तलाशा जा सके।