राम मंदिर (Ram Mandir): कांग्रेस पार्टी ने प्राण-प्रतिष्ठा का न्योता ठुकराया, Youth Leader Of The BJP Dehi Ravi Tiwari

भारतीय जनता पार्टी दिल्ली (BJP Delhi) के युवा नेता रवि तिवारी (Ravi Tiwari) ने कहा कि कांग्रेस के द्वारा राममंदिर के प्राण-प्रतिष्ठा समारोह का निमंत्रण ठुकराना दुर्भाग्यपूर्ण है। उनका यह फैसला हर सनातनी एवं रामभक्त का अपमान है। 500 वर्षो के अथक मेहनत और परिश्रम के बाद अयोध्या में श्रीराम का मंदिर बना है। प्रभु श्रीराम एवं माता सीता के कलयुगी वनवास का अंत निकट ही है। ऐसे में सभी को राममंदिर प्राण-प्रतिष्ठा समारोह का निमंत्रण भेजा जा रहा है।

लेकिन कांग्रेस ने आज फिर अपना रामविरोधी चेहरा दिखा दिया है। कांग्रेस ने निमंत्रण ठुकराते हुए इस पूरे समारोह से दूरी बना ली है। कांग्रेस के कुछ शीर्ष नेता भी पार्टी आलाकमान के इस निर्णय से व्यथित हैं। यही वह पार्टी है जिसने कोर्ट में हलफनामा दिया था कि प्रभु राम का कोई भी ऐतिहासिक साक्ष्य नहीं है, वह सिर्फ एक काल्पनिक चरित्र हैं। कांग्रेस पार्टी सदैव से ही सनातन धर्म एवं रामविरोधी रही है। इस पार्टी का इतिहास एवं राजनीति ही हिन्दू धर्म के विरोध के इर्द-गिर्द घूमती है।

कांग्रेस का रहा है रामविरोधी इतिहास

भारतीय जनता पार्टी दिल्ली (BJP Delhi) के युवा नेता रवि तिवारी (Ravi Tiwari) ने कहा कि यही वह पार्टी है जिसने कोर्ट में हलफनामा दिया था कि प्रभु राम का कोई भी ऐतिहासिक साक्ष्य नहीं है, वह सिर्फ एक काल्पनिक चरित्र हैं। कांग्रेस पार्टी सदैव से ही सनातन धर्म एवं रामविरोधी रही है। इस पार्टी का इतिहास एवं राजनीति ही हिन्दू धर्म के विरोध के इर्द-गिर्द घूमती है।

कांग्रेस के इस निर्णय को लेकर भाजपा के अन्य नेता भी कांग्रेस पर निशाना साध रहे हैं। भाजपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता शहजाद पूनावाला ने कहा कि कांग्रेस का यह फैसला हिंदू संस्कृति के प्रति नकारात्मक दृष्टिकोण का परिचायक है। कांग्रेस पार्टी सदियों से हिंदू धर्म के विरोध में खड़ी रही है।

कांग्रेस के शीर्ष नेता भी कर रहे है फैसले का विरोध

भारतीय जनता पार्टी दिल्ली (BJP Delhi) के युवा नेता रवि तिवारी (Ravi Tiwari) ने कहा कि कांग्रेस के इस फैसले से देश के करोड़ों रामभक्तों की भावनाएं आहत हुई हैं। कांग्रेस को अपने इस फैसले को वापस लेना चाहिए और राम मंदिर प्राण-प्रतिष्ठा समारोह में शामिल होना चाहिए। कांग्रेस पार्टी के कई शीर्ष नेता भी पार्टी के इस फैसले से आहत हुए हैं। आचार्य प्रमोद कृष्णम ने भी कहा है कि पार्टी का यह फैसला समझ से परे है कि आखिर किस मानसिकता के चलते यह फैसला लिया गया है।

राम समूचे भारत के हैं। राम पर किसी एक पार्टी विशेष का कब्ज़ा नहीं है। हम इस समारोह से दूरी बनाकर देश की जनता को आखिर क्या सन्देश देना देना चाहते हैं। आचार्य ने कहा कि हमें एक पार्टी के तौर पर जनभावनाओं का सम्मान करते हुए इस समारोह का हिस्सा जरूर बनना चाहिए।

सोशल मीडिया पर मचा है घमासान

भारतीय जनता पार्टी दिल्ली (BJP Delhi) के युवा नेता रवि तिवारी (Ravi Tiwari) ने कहा कि कांग्रेस के इस निर्णय को लेकर सोशल मीडिया पर भी खूब बवाल मचा हुआ है। लोग कांग्रेस के इस निर्णय को लेकर कांग्रेस पर कड़ी निंदा कर रहे हैं।

कांग्रेस के इस निर्णय के पीछे क्या कारण है, यह अभी स्पष्ट नहीं है। लेकिन माना जा रहा है कि कांग्रेस पार्टी इस समारोह को भाजपा का राजनीतिक लाभ लेने का एक साधन मान रही है। कांग्रेस पार्टी नहीं चाहती कि इस समारोह से भाजपा को कोई राजनीतिक लाभ मिले।

कांग्रेस के इस निर्णय से यह साफ हो गया है कि कांग्रेस पार्टी सनातन धर्म और हिंदू संस्कृति के प्रति नकारात्मक दृष्टिकोण रखती है। कांग्रेस पार्टी को अपने इस नकारात्मक दृष्टिकोण को बदलना चाहिए और हिंदू धर्म और हिंदू संस्कृति का सम्मान करना चाहिए।

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