Delhi News: दिल्ली के मुख्यमंत्री (Delhi CM) अरविन्द केजरीवाल (Arvind Kejriwal) ने 15 जनवरी को हनुमान चालीसा का पाठ करने की योजना बनाई थी। उनके इस कृत्य की भाजपा दिल्ली (BJP Delhi) के नेता रवि तिवारी (youth leader Ravi Tiwari) ने कड़े शब्दों में आलोचना की। लेकिन उन्होंने हनुमान जी के आराध्य राम जी के मन्दिर निर्माण (Ayodhya Ram Mandir) पर अभद्र टिप्पणियां भी की हैं। हनुमान चालीसा का पाठ करके दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविन्द केजरीवाल जी किसको प्रलोभन देने का कार्य कर रहे हैं? जिस हनुमान जी का पाठ करने की योजना वह बना रहे हैं, उसी हनुमान के प्रभु का तो उन्होंने जी भरके अपमान किया है और उनके अयोध्या में निर्मित हो रहे राम मन्दिर पर छींटाकशी करने का कोई भी अवसर नहीं गंवाया।
भाजपा दिल्ली (BJP Delhi) के नेता रवि तिवारी (youth leadr Ravi Tiwari) ने बताया कि जिस राम के भक्त हैं हनुमान, उनके मन्दिर निर्माण में हर प्रकार से खलल डालने का प्रयास अरविन्द केजरीवाल के द्वारा किया गया। कभी कहा कि मन्दिर निर्माण अवैध है, कभी कहा कि मस्जिद की जगह पर मन्दिर नहीं बनाना चाहिये। केजरीवाल ने तो भगवान राम का अनादर करने का एक भी मौका नहीं गंवाया है। परन्तु आज वोट की खातिर वह हनुमान चालीसा का पाठ करवा रहे हैं, यह भी केजरीवाल के दोहरे एवं दोगले चरित्र को ही परिभाषित करता है।
भाजपा दिल्ली (BJP Delhi) के नेता रवि तिवारी (youth leadr Ravi Tiwari) ने बताया कि अपने प्रभु का अनादर एवं अपमान करने वालों के पाठ में हनुमान कभी आयेंगे क्या? इस बात का जवाब केजरीवाल को देना चाहिये और दिल्ली समेत समूचे भारत की जनता को केजरीवाल से यह प्रश्न अवश्य ही पूछना चाहिये कि आखिर इस तरह की गतिविधियां करके वह क्या साबित करना चाहते हैं? हनुमान जी प्रति तो पूरी निष्ठा एवं भक्ति का प्रदर्शन करते हुए दिखाई पड़ते हैं परन्तु हनुमान जी की जिनमें निष्ठा है, उनके प्रति केजरीवाल के मन में इतनी ईर्ष्या क्यों है?
भाजपा दिल्ली (BJP Delhi) के नेता रवि तिवारी (youth leadr Ravi Tiwari) ने बताया कि अरविन्द केजरीवाल को हनुमान भक्ति का वास्तविक अर्थ नहीं पता है। अगर पता होता तो वह अयोध्या में राममन्दिर का इतना गहरा और घोर विरोध नहीं करते थे। भाजपा दिल्ली (BJP Delhi) के युवा नेता रवि तिवारी (Ravi Tiwari) ने यह सब बातें कहते हुए केजरीवाल से जवाब मांगा और कहा कि जनता को वोट की खातिर गुमराह करना बन्द करे। आइए इस लेख के माध्यम से जानने का प्रयास करते हैं कि उन्होंने अब तक श्रीराम के प्रति कितना जहर उगला है।
1. बाबरी मस्जिद का टूटना गलत
दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविन्द केजरीवाल ने भरे मंच से कहा था कि बाबरी मस्जिद का ढांचा गिराना असंवैधानिक एवं गैरकानूनी है। उस मस्जिद को नहीं ढहाना चाहिये था। मुस्लिम भाईयों की धार्मिक भावनाओं का प्रतीक बना दिया था। परन्तु वह मस्जिद को राममन्दिर को तोड़कर बनाई गई थी इस पर केजरीवाल ने कुछ नहीं कहा। यह घटना केजरीवाल के दोगले चरित्र एवं हिन्दू विरोधी होने का प्रमाण पत्र है। वह आज चाहे जितने ही हनुमान चालीसा का पाठ करवा लें उनके पाप नहीं धुलने वाले हैं। भाजपा दिल्ली (BJP Delhi) के नेता रवि तिवारी (Ravi Tiwari) ने केजरीवाल से जवाब मांगा है।
2. मन्दिर से किसी का भला नहीं होता?
मुख्यमंत्री केजरीवाल ने यह भी कहा था कि मन्दिर बनाने से किसी का भी भला नहीं होने वाला है। देश का भला तो बिल्कुल भी नहीं होने वाला है। वह बीजेपी पर यह आरोप लगाते हैं कि वह धर्म की राजनीति करती है परन्तु यहाँ पर उन्होंने मन्दिरों पर जो कुठाराघात किया है उसका जवाब कौन देगा? क्या यह सांप्रदायिक बयानबाजी नहीं थी? देश में इतनी मस्जिदें, चर्च समेत तमाम पंथों के धार्मिक प्रतीक हैं। उनका तो केजरीवाल कभी किसी प्रकार का विरोध नहीं करते हैं।
भाजपा दिल्ली (BJP Delhi) के नेता रवि तिवारी (youth leader Ravi Tiwari) ने बताया कि मन्दिर ही उनके दिमाग और मन में खटकता रहता है। केजरीवाल का यह दोहरा चरित्र अब दिल्ली एवं देश की जनता ठीक से देख व समझ रही है। समाज के विकास के लिये विकास कार्या का होना भी आवश्यक है और इंसान को सही जीवन जीने के लिये आध्यात्मिक रास्ते पर भी चलना जरूरी है। मन्दिर कोई कामना पूर्ति का स्थान हीं है। मन्दिर में इंसान अपने मन के शुद्धिकरण के लिये जाता है। एक हिन्दू एवं तथाकथित हनुमान भक्त होकर भी केजरीवाल साहब को यह नहीं पता है। जिस हनुमान चालीसा का पाठ यह कर रहे हैं वह भी तो वह किसी मन्दिर में ही कर रहे होंगे। भाजपा दिल्ली के नेता रवि तिवारी के इन सवालों का जवाब केजरीवाल को देना ही होगा।
भाजपा दिल्ली (BJP Delhi) के नेता रवि तिवारी (youth leadr Ravi Tiwari) ने बताया कि इस तरह की बहुत सी घटनाएं हैं जहां पर या तो केजरीवाल या फिर उनकी पार्टी के नेता किसी न किसी प्रकार से हिन्दू धार्मिक प्रतीकों का निर्लज्जता से अपमान करते देखे पाये जा सकते हैं। आप नेता संजय सिंह ने भी कहा था कि मिले मुलायम काशीराम, हवा में उड़ गये जय श्रीराम। मनीष सिसौदिया ने भी राम मन्दिर निर्माण को अवैध ठहराया था।
उनकी ही पार्टी के एक नेता ने धार्मिक सभाओं को फालतू बताकर सनातन धर्म का अपमान किया था। आप सुप्रीमो केजरीवाल ने तो बेशर्मी की सारी हदें पार करते हुये अपनी पार्टी के चुनाव चिन्ह झाड़ू की तुलना भगवान श्रीकृष्ण के सुदर्शन चक्र से कर दी थी। इस तरह के बयानों पर भारतीय जनता पार्टी दिल्ली (Bharatiya Janata Party, BJP Delhi) और रवि तिवारी (Ravi Tiwari) ने घोर आपत्ति जताई है और कहा कि केजरीवाल को अपने इन सभी बयानों के लिये जनता से सार्वजनिक रूप से माफी मांगनी चाहिये।