सुप्रीम कोर्ट के निर्णय के बाद अयोध्या में प्रभु श्रीराम का भव्य मंदिर बन चुका है। रामलला ५०० वर्षों के पश्चात् टेंट से निकलकर भव्य मंदिर में विराजमान हो चुके हैं। ऐसे में देश के अंदर लोगों में गजब का उत्साह दिख रहा है। इतनी भयंकर ठण्ड में लोग पंक्ति में खड़े होकर प्रतीक्षा कर रहे हैं कि एक बार राम का दीदार हो जाये। पुरा देश राममय हो चुका है। परन्तु अभी भी कुछ वामपंथी जलनखोर लोग इस बात पर ही अटके हैं कि राममंदिर से क्या लाभ होगा? राम मंदिर की जगह अस्पताल या कॉलेज का निर्माण होता तो गरीबों का भी भला हो जाता। मंदिर की जगह फैक्ट्री लगा देने से रोजगार का सृजन होता। परन्तु मंदिर बन जाने से क्या ही लाभ होगा? लेखक के बारे में…
इस लेख के माध्यम से आज उन सभी को हम जवाब देंगे जिनको लगता है कि मंदिर से अर्थव्यवस्था को कोई भी लाभ नहीं होने वाला है। शारीरक एवं भौतिक आवश्यकताओं की पूर्ति के लिए बाजार होता है। लेकिन इंसान का मन भी तो होता है उसकी शुद्धि के लिए आध्यात्मिक आवश्यकता को मंदिर के ही माध्यम से पूरा किया जाता है। इंसान की अध्यात्ममिक आवश्यकता की भी पूर्ति तो होनी चाहिए। इस लेख के माध्यम से हम जानेंगे कि अयोध्या राम मंदिर निर्माण से देश एवं प्रदेश की अर्थव्यवस्था को क्या गति मिलेगी और अयोध्या शहर का कितना विकास होगा।
पर्यटन उद्योग को मिलेगा बढ़ावा?
पूरे विश्व में सनातन धर्म के तीर्थ स्थल और मंदिर भारी संख्या में उपस्थित हैं। लेकिन कोई भी एक पवित्र स्थल नहीं था, जो कि केंद्रीय स्थल कहलाया जा सके। जैसे इस्लाम का मक्का, ईसाइयों का वेटिकन सिटी रोम। अयोध्या राम मंदिर निर्माण के पश्चात् अयोध्या की पहचान पूरे विश्व में सनातन धाम के रूप में होगी। पूरे विश्व भर में फैले हुए हिन्दुओं के लिए सबसे बड़ी एवं पवित्र जगह। वेटिकन सिटी में औसतन सालाना ९० लाख तीर्थयात्री आते हैं, जबकि मक्का में सालाना दो करोड़ श्रद्धालु आते हैं।
अयोध्या में प्राण-प्रतिष्ठा के पश्चात् फ़िलहाल तो हर महीने १.५ से दो करोड़ श्रद्धालुओं के पहुँचाने की उम्मीद है। जबकि वार्षिक यह संख्या १० करोड़ के पार हो जाएगी। अयोध्या में राम मंदिर निर्माण के पश्चात् पर्यटन उद्योग को जबरदस्त बढ़ावा मिलेगा और इससे उत्तर प्रदेश की अर्थव्यवस्था को पंख लगना तय है। पर्यटन उद्योग के विकसित होने से न सिर्फ अयोध्या बल्कि पूरे उत्तर प्रदेश की विश्व पटल पर एक अलग की पहचान होगी। अब उत्तर प्रदेश को प्रभु श्रीराम की जन्मभूमि के रूप में पहचान मिलेगी न कि सैफई में नंगा नाच करवाने के रूप में।
निर्माण उद्योग को बढ़ावा मिलेगा:
राम मंदिर बनने के पश्चात् अयोध्या में इंफ्रास्ट्रक्चर कार्य तेजी पकड़ेगा जिससे निर्माण उद्योग को बढ़ावा मिलेगा। अयोध्या में नया एयरपोर्ट, विश्व स्तरीय रेलवे स्टेशन, अत्याधुनिक ट्रेनों का संचालन जैसे निर्माण कार्य पूरे हो चुके हैं। सड़कों का चौड़ीकरण, पूरी अयोध्या नगरी को नागर शैली में विकसित किया जा रहा है। अब तक अयोध्या में केंद्र और राज्य सरकार की कुल ८५००० हजार करोड़ के प्रोजेक्ट्स चल रहे हैं।
इतने सारे कार्यो को करने पेशेवर और गैर पेशेवर श्रमिकों की आवश्यकता पड़ेगी। यह सारे लोग अयोध्या वासी या आस-पास के जिले होंगे जो रोजगार पाएंगे। अभी तक अयोध्या के लोग पूरे देश में घूमकर रोजगार की तलाश करते थे। लेकिन अब पूरे देश के लोग अयोध्या में रोजगार के लिए आएँगे। जो लोग यह कहते थे कि मंदिर बनवाने से क्या होगा? इसकी जगह एक अस्पताल या स्कूल बनवा देते। यह तो धन की बर्बादी है। सबसे पहले तो राम मंदिर निर्माण में एक भी रूपया सरकारी खजाने से नहीं लगा है। राम मंदिर बनने के पश्चात् यहाँ पर होटल, स्कूल और अस्पताल सहित तमाम बुनियादी ढाँचे को विकसित किया जायेगा। लेकिन यह सब सिर्फ इसीलिए संभव हो पाया है कि अयोध्या में राम मंदिर बना है।
अन्य उद्योगों को बढ़ावा मिलेगा:
अयोध्या राम मंदिर निर्माण के पश्चात् अयोध्या सहित आस-पास के जिलों में अन्य उद्योगों को भी बढ़ावा मिलेगा। इसमें होटल, टूरिज्म, मेडिकल, ट्रांसपोर्ट सहित तमाम उद्योगों को लाभ पहुंचेगा। अयोध्या में एक अनुमान के अनुसार प्रतिदिन ५ से १० लाख श्रद्धालुओं के आने की सम्भावना है, यदि वृहद स्तर पर इसका विश्लेषण करें तो पाएंगे कि इन लोगों को रहने के लिए कमरा भी चाहिए होगा। इनको भोजन से लेकर घूमने-फिरने के लिए कार, बस इत्यादि की भी आवश्यकता पड़ेगी।
अयोध्या रेलवे स्टेशन को इस तरह विकसित किया गया है कि प्रतिदिन ६० हजार लोग यात्रा कर सकते हैं। फिलहाल अयोध्या में ५०० से अधिक होटल निर्माण हो रहा है। जिनमे ताज से लेकर रैडिसन जैसी विश्वस्तरीय होटल चेन भी शामिल हैं। इसके अन्य बहुत सारे होटल भी बन रहे हैं। इसके आलावा Home Stay का भी काम शुरू हो चुका है। Home Stay उसको बोलते हैं जहाँ पर अपने ही घर में लोग कमरा देकर मेहमानों को रखते हैं और उनको स्थानीय संस्कृति से परिचित करते हैं। घर का ही भोजन उनको प्रदान किया जाता है। जितने भी लोग अयोध्या से बाहर रोजगार की तलाश में गए थे वह सभी वापस आ रहे हैं और अपने ही घर से Home Stay का व्यवसाय शुरू करेंगे।
जो भी श्रद्धालु अयोध्या आएँगे तो सिर्फ राम जी के दर्शन नहीं करेंगे। वह अयोध्या घूमकर यहाँ के स्थानीय संस्कृति से भी परिचित होने का प्रयास करेंगे। वे कुछ न कुछ सामान भी खरीदेंगे। जैसे कपड़ा या अन्य हस्त शिल्प उद्योग को भी बढ़ावा मिलने की पूरी सम्भावना है। यह सभी काम सिर्फ राम मंदिर बनने के पश्चात् ही संभव हो पाया है।
तेजी से बढ़ेगी उत्तर प्रदेश की अर्थव्यवस्था
राम मंदिर निर्माण से उत्तर प्रदेश की अर्थव्यवस्था के तेजी से बढ़ने के आसार हैं। साल २०२८ तक उत्तर प्रदेश का पर्यटन उद्योग ३२ लाख करोड़ रुपये के पार जाने की उम्मीद है। प्रतिदिन यहाँ पर ५ से १० लाख श्रद्धालु के पहुँचाने की सम्भावना है। जिस तर्ज पर अयोध्या का विकास करने के लिए योगी सरकार और केंद्र सरकार ने बजट जारी किया है। उससे अयोध्या को एक वैश्विक पर्यटन केंद्र की तरह उभरने की पूरी सम्भावना है।
राम मंदिर निर्माण के बाद उत्तर प्रदेश सरकार को प्रतिवर्ष २५ से ३० हजार करोड़ का अतिरिक्त राजस्व प्राप्त होने का अनुमान है। जिससे कि सरकार ८५ हजार करोड़ खर्च कर रही है अयोध्या को विकसित करने के लिए, वह खर्च सरकार २ से ३ तीन साल में वसूल कर लेगी। इंफ्रास्ट्रक्चर प्रोजेक्ट्स से ही तक़रीबन २० हजार नए रोजगार के अवसर उपलब्ध होंगे। जिनको भी लगता है राम मंदिर की जगह फैक्ट्री बनानी चाहिए थी। उन लोगों को यह लेख अवश्य पढ़ना चाहिए कि किस फैक्ट्री से एक बार में २० हजार लोगों को प्रत्यक्ष और न जाने कितने लाख लोगों को अप्रत्यक्ष तौर पर रोजगार मिलने वाला है।