दीपावली साक्षात्कार: Ravi Tiwari (BJP Leader) ने Vocal For Local की महत्वपूर्णता पर चर्चा की

भारतीय जनता पार्टी के युवा एवं उभरते हुए नेता Ravi Tiwari ने दीपावली के शुभ अवसर पर मीडिया के साथ साक्षात्कार किया। इस साक्षात्कार में उन्होंने मोदी जी के मिशन मेड इन इंडिया के तहत आने वाले प्रोग्राम वोकल फॉर लोकल पर खुलकर चर्चा की और बताया कि भारत की उभरती हुई अर्थव्यवस्था के लिए यह कितना अहम् सिद्ध होने वाला है। पेश है उनके साथ बातचीत के प्रमुख अंश:

वोकल फॉर लोकल क्या है?

कोरोना महामारी के समय लड़खड़ाती हुई अर्थव्यवस्था में नई जान फूंकने के उद्देश्य से भारत के यशस्वी प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी ने वोकल फॉर लोकल का नारा देते हुए 20 लाख करोड़ के आर्थिक पैकेज की घोषणा की थी। वोकल फॉर लोकल का नारा देते समय प्रधानमंत्री जी का सारा ध्यान इस पर था कि हम अपने देश में ही बनी हुई वस्तुओं को अपने उपयोग में लाने का संकल्प करें। जिससे कि हमारे स्थानीय व्यापारियों को फायदा पहुँचे और वे आर्थिक तौर पर तरक्की करें जिससे कि हमारे व्यापारी बड़ी संख्या में रोजगार के नए अवसर पैदा कर सके। इससे न सिर्फ अर्थव्यवस्था इको बढ़ावा मिलेगा बल्कि इससे हमारा भारत आने वाले समय में काफी हद तक आत्मनिर्भर भी हो जायेगा और हमारी विदेशी कंपनियों पर निर्भरता भी काफी हद तक कम हो जाएगी। 

ऐसे करें वोकल फॉर लोकल का समर्थन

दीपावली का त्यौहार निकट है ऐसे में हम मेड इन इंडिया उत्पादों का इस्तेमाल करके अपने देश की आर्थिक तरक्की में एक महत्वपूर्ण भूमिका अदा कर सकते हैं। जैसे कि दीपावली की शाम को हम सभी भारतवासी अपने घरों को रोशनी से सजाते हैं, इस बार हम अपने घरों को सजाने के लिए चीन के बने उत्पादों से दूरी बनाएं और मिट्टी के दिए जलाए ताकि हमारे साथ हमारे देशवासियो के घर में भी दिवाली के शुभ अवसर पर खुशियों का आगमन हो। 

चीनी पटाखों के स्थान पर अपने भारत में निर्मित स्वदेशी पटाखों की खरीदारी करें। ऐसा करने पर हमारे स्वदेशी व्यापारियों का भी उत्साहवर्धन होगा और फिर वे भी अपने ग्राहकों को प्रसन्न करने के लिए अपने सामानो की गुणवत्ता में और सुधार लाने को विवश होंगे। स्वदेशी सामानो की खरीदारी से न सिर्फ उन व्यापारियों को फायदा पहुंचेगा बल्कि उनके कारखानों में काम करने वाले सैकड़ो मजदूरों को भी बल मिलेगा और उनकी आमदनी में भी उम्मीद करते हैं बढ़ोत्तरी होगी। जिससे इस दीपावली उन मजदूर भाइयों के घर में भी अनंत खुशियाँ आएँगी। उनके बच्चे भी नए कपडे, मिठाई और पटाखों का आनंद उठाएँगे।

डेरी मिल्क, कैडबरी के स्थान पर अपने मोहल्ले की किसी हलवाई की दुकान से ही मिठाई खरीदने का प्रयास करें। जैसा कि हम सभी जानते हैं अपने जान-पहचान की दुकान से सामान खरीदने पर सामान भी अच्छा मिलता है और एक आपसी भाईचारा और प्रेम में भी वृद्धि होती है।

महिला सशक्तिकरण एवं नारी-शक्ति को सम्मान:

आत्मनिर्भर भारत बनाने का सपना बिना नारी-शक्ति को सम्मान दिए एवं महिला सशक्तिकरण के पूरा नहीं हो सकता है। महिलाओं ने भी मोदी जी के इस आह्वान पर बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया है। आज की किसी दूर-दराज की गांव की महिला भी अब घूँघट में रहकर चूल्हा-चौका करते हुए अपने जीवन को यूँ ही व्यर्थ नहीं करना चाहती है। महिलाएं भी बड़ी संख्या में व्यापर के क्षेत्र में उतर रही हैं और देश की आर्थिक उन्नति में अपना योगदान दे रही हैं। महिलाएं आजकल सौंदर्य प्रसाधन, हस्तशिल्प सहित कई अन्य उत्पादों को अपने हाथों से बनाकर बाजार में बेच रही है और स्वाभिमान के साथ अपना जीवन यापन कर रही हैं। 

दीपावली के इस अवसर पर गांव और छोटे कस्बों में बहुत सारी महिलाओं को मिट्टी के दिए, घड़े और गणेश लक्ष्मी की मूर्तियाँ बनाते हुए देखा जा सकता है। इस त्योहार महिलाएँ अपने हाथ से निर्मित इन वस्तुओं को बाजार में बेचकर स्वाभिमान एवं आत्मसम्मान के साथ जीवन गुजारने की दिशा में एक कदम और बढ़ाएंगी। हमारा भी भारत के एक जिम्मेदार नागरिक होने के नाते यह कर्त्तव्य है कि हम दीपावली के इस पावन त्यौहार पर इस्तेमाल होने वाली सारी वस्तुओं को इन्ही से खरीदें। एक मजबूत भारत बनाने की दिशा में अपना एक छोटा सा योगदान दें।

क्यों जरूरी है वोकल फॉर लोकल और आत्मनिर्भर भारत:

कोरोना काल में मोदी जी ने राष्ट्र के नाम सम्बोधन में आर्थिक पैकेज की घोषणा करते हुए वोकल फॉर लोकल का नारा दिया था। भारत को आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में यह मील का पत्थर था। आइये यह जानने का प्रयास करते हैं कि क्यों आवश्यक है यह? वैश्वीकरण के इस दौर में आज किसी भी देश की कंपनी को स्वतंत्रता है कि किसी देश में जाकर व्यापार कर सकती है तो क्यों जरुरी है हमें स्वदेशी ताकतवर कंपनियों की? 

क्योंकि सिर्फ इसी पैमाने पर किसी अर्थव्यवस्था को मापा जा सकता है कि वहाँ की कितनी कंपनियाँ वैश्विक स्तर पर प्रतिस्पर्धा कर रही हैं। आज समूचे विश्व में चीन और अमेरिका की तूती बोलती है उसके पीछे का कारण सिर्फ उनकी स्वदेशी एवं शक्तिशाली कम्पनियाँ हैं। आज के समय में कोई सोच सकता है कि वह अमेरिका से लड़ेगा? वह उस देश का जीपीएस ही बंद कर देगा। 

जब वैश्विक स्तर पर आर्थिक मंदी आती है तो सभी विदेशी कम्पनियाँ अन्य दूसरे देशों में फैले अपने कारोबार को समेट कर सारा फोकस अपने देश पर ही लगाती हैं। ताकि अपने देश को आर्थिक मंदी से उबारा जा सके। अगर आपने अपने स्वदेशी बाजार को शक्तिशाली नहीं बनाया तो आर्थिक मंदी के दौर में आपके देश को विषम परिस्थितियों का सामना करना पड़ सकता है। जिसमे महंगाई, बेरोजगारी इत्यादि शामिल है। सकारात्मक पहलू है कि भारत में बड़ी संख्या में स्टार्ट-अप शुरू हो रहे हैं।

आपके देश में जब कोई संकट आता है तो सबसे पहले यह स्वदेशी कम्पनियाँ ही होती हैं जो संकट की घड़ी में सहायता के लिए सबसे पहले आगे आती हैं। चाहे आप सर रतन टाटा का उदहारण लीजिये मुकेश अम्बानी या किसी अन्य व्यापारी का। कोई अपवाद ही आपको मिलेगा कि अन्य किसी देश के लिए किसी अन्य देश की कंपनी ने सहायता राशि पहुँचाई हो। इसीलिए सशक्त भारत बनाना है तो आत्मनिर्भर भारत बनाना होगा।

Leave a Comment

Your email address will not be published. Required fields are marked *