Maldives Controversy: भारतीय जनता पार्टी दिल्ली (BJP) के युवा नेता रवि तिवारी (Ravi Tiwari) ने कहा कि मोदी जी की लक्षद्वीप यात्रा से मालदीव का पूरा पर्यटन उद्योग चरमरा गया है। उन्होंने पीएम की इस यात्रा की प्रशंसा करते हुए मालदीव को आईना दिखाया और कहा कि भारत से हर वर्ष तकरीबन 3 लाख से अधिक लोग मालदीव की यात्रा पर जाते हैं। मालदीव भारत के दक्षिण में बसा एक द्वीपीय देश है।
पर्यटन यहाँ का मुख्य व्यवसाय है और अधिकतर पर्यटक इस देश को भारत से ही प्राप्त होते हैं। लेकिन प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी की एक लक्षद्वीप यात्रा से मालदीव का पूरा पर्यटन उद्योग धराशायी हो गया है। प्रधानमंत्री मोदी जी ने इस सिर्फ अपने भारत देश की छिपी हुई सुंदरता को प्रकट करने के उद्देश्य से लक्षद्वीप की यात्रा की थी। लेकिन धुँआ मालदीव से उठने लगा है।
जानें क्या है पूरा मालदीव-लक्षद्वीप मामला (Maldives Controversy)
मोदी जी की इस लक्षद्वीप यात्रा से क्रोधित होकर मालदीव के कुछ मंत्रियों ने आपत्तिजनक टिप्पणियाँ की थी। उन्हें इस तरह की आपत्तिजनक टिप्पणी करने की न तो कोई आवश्यकता थी और न ही कोई अधिकार। किसी भी देश का प्रधानमंत्री अपने देश के किसी भी हिस्से में पर्यटन को बढ़ावा देने के उद्देश्य से जा सकता है।
इसमें मालदीव का क्या लेना-देना। लेकिन मालदीव के कुछ मंत्रियो को लगा कि ऐसे तो हमारा पूरा पर्यटन उद्योग ही चौपट हो जायेगा क्योंकि हमारे ज्यादातर पर्यटक तो भारत से ही आते हैं। रोजी-रोटी का संकट बढ़ते देख मालदीव की मंत्री मरियम शिउना ने ट्विटर पर पीएम मोदी के खिलाफ अभद्र टिप्पणी की।
अब मालदीव के इन अनपढ़ और टुच्चे मंत्रियो की क्रिया पर प्रतिक्रिया होना तो लाजिमी सी बात है। आपत्तिजनक ट्वीट के वायरल होते ही भारत समेत पूरी दुनिया से मालदीव को विरोध झेलना पड़ रहा है। विशेषकर भारत के अंदर तो सोशल मीडिया पर #BoycottMaldives ट्रेंड करने लगा है। लोग अपनी सोशल मीडिया की वीडियोस में एक तरफ लक्षद्वीप और दूसरी तरफ मालदीव की तस्वीर लगाकर तुलनात्मक रूप से लक्षद्वीप को बेहतर बता रहे हैं।
लक्षद्वीप जाने वाली विमानों के अंदर यात्रियों की संख्या में 3800 प्रतिशत का उछाल आया है। EaseMyTrip के सीईओ ने साफ तौर पर कह दिया है कि उनकी कंपनी अब मालदीव की सारी बुकिंग को निरस्त करने जा रही है। भारतीय तो खास तौर पर लक्षद्वीप को मनपसंद ट्रैवेल डेस्टिनेशन के तौर पर देख रहे हैं।
मोदी जी की सिर्फ एक यात्रा और उस पर मालदीव के कुछ अंगूठा छाप मंत्रियो के गैरजिम्मेदाराना बर्ताव के चलते मालदीव की अर्थव्यवस्था चौपट होने के कगार पर पहुँच गयी है। मालदीव सरकार ने परिस्थितियों की गंभीरता को समझते हुए तुरंत ही ट्वीटबाजों को निलंबित कर दिया है।
मालदीव के राष्ट्रपति ने थोड़ा डैमेज कंट्रोल करने का प्रयास किया है। उन्होंने अब तक के सारे हिन्दू विरोधी और मोदी के खिलाफ आपत्तिजनक ट्वीट हटा दिए हैं। भारत के लोग अब लक्षद्वीप को पर्यटन स्थल के रूप में उभारने का प्रयास कर रहे हैं। मालदीव (Maldives) के राष्ट्रपति ने अब भारत को सुरक्षा की दृष्टि से महत्वपूर्ण सहयोगी बताया है।