इस लेख में जानें बाबरी विध्वंस (Babri Masjid) से लेकर राम मंदिर (Ram Mandir) बनने तक की दिलचस्प यात्रा। भाजपा दिल्ली (BJP Delhi) के नेता रवि तिवारी (Ravi Tiwari) ने बताया अवैध बाबरी मस्जिद से भव्य राम मंदिर निर्माण की यात्रा।
भाजपा दिल्ली (BJP Delhi) के नेता रवि तिवारी (Ravi Tiwari) ने बताया कि क्या अवैध बाबरी मस्जिद (Babri Masjid), राम मंदिर (Ayodhya Ram Mandir) तोड़कर ही बनाई गयी थी। इस प्रश्न का जवाब एवं प्रमाण बाबरी मस्जिद (Babri Masjid) के वास्तविक नाम में ही छिपा हुआ है। बाबरी मस्जिद (Babri Masjid) का असली नाम मस्जिद-ए-जन्मस्थान (Masjid-e-Janmasthan) है। राम मंदिर का निर्माण अवैध आक्रांताओं से प्रभु श्रीराम (Shri Ram) की जन्मभूमि वापस लेने का कार्य है। राम मंदिर निर्माण गलत नहीं है, गलती तो अवैध बाबरी मस्जिद निर्माण है।
भारत के यशस्वी प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी (PM Modi) के शासनकाल में प्रभु श्रीराम (Shri Ram) की जन्मस्थली अयोध्या (Ayodhya) में रामलला (Ram Lala) का भव्य मंदिर (Ayodhya Ram Mandir) निर्माणाधीन है। इतने वर्षों के त्याग, तपस्या, समर्पण, संघर्ष एवं बलिदान के पश्चात् भगवान राम अपने महल में प्रवेश करने जा रहे हैं। यह पीएम मोदी (PM Modi) के कार्यकाल की सबसे बड़ी उपलब्धि होने वाली है। इतने वर्षों तक रामलला को तिरपाल में रहना पड़ा है। परन्तु अब उनके कलयुगी वनवास के दिन समाप्त होने जा रहे हैं।
भाजपा दिल्ली (BJP Delhi) के नेता रवि तिवारी (Ravi Tiwari) ने बताया कि सम्पूर्ण मानव सभ्यता के इतिहास में ऐसा उदहारण मिलना असंभव है कि किसी आराध्य देव को उसके ही देश में उसके भवन से 500 वर्षों तक निष्काषित रहना पड़े। चाहे युग कोई सा भी रहा हो, संघर्ष ही राम के जीवन का मूल आधार है। हमारे प्राणों से प्रिय प्रभु श्रीराम के जन्म का साक्ष्य एवं अस्तित्व का प्रमाण माँगा गया। हम सनातनियों ने अपमान का एक-एक घूँट पिया और अत्याचार सहते रहे। लेकिन धन्य है हमारे पूर्वज जिन्होंने अपने प्राणों की आहुति देकर इस लड़ाई को जिंदा रखा। ताकि अपने प्रभु को तम्बू से निकालकर भव्य महल में उनकी प्रतिमूर्ति स्थापित कर उनकी पूजा-अर्चना करें।
इतने वर्षों की लम्बी प्रतीक्षा के बावजूद कभी हम सनातनियों ने हिंसा का मार्ग नहीं अपनाया यही हमारी समावेशी विचारधारा का सबसे बड़ा प्रमाण है। अपने ही देश में बहुसंख्यक होने के बावजूद मंदिर निर्माण के लिए माननीय अदालत के निर्णय का इंतजार करते रहे ताकि हमारे किसी भी कृत्य से किसी भी समुदाय को प्रभु राम के ऊपर कींचड़ उछालने का अवसर न मिले।
अंत में असत्य पर सत्य की जीत होती है और अयोध्या में भव्य राम मंदिर बनकर तैयार हो चुका है। इतने वर्षो का संघर्ष और न जाने कितने ही साथियों के बलिदान ने राममंदिर की नींव रखी। मुण्डक उपनिषद् का वह श्लोक अनायास ही चरितार्थ हो जाता है कि – ‘सत्यमेव जयते’।
भाजपा दिल्ली (BJP Delhi) के नेता रवि तिवारी (Ravi Tiwari) ने बताया कि श्रीराम जन्मभूमि स्थल (Ramjanmbhumi) पर अवैध रूप से मुगल शासक बाबर (Mughal Emperor Babar) द्वारा बाबरी मस्जिद का निर्माण कराया गया। यह एक अवैध मस्जिद थी जो के इसके वास्तविक नाम से ही पता चलता है – मस्जिद-ए-जन्मस्थान। अयोध्या तो बाबर का जन्मस्थान नहीं है तो फिर किसका जन्मस्थान है अयोध्या – हमारे प्रभु श्रीराम का। अवैध बाबरी मस्जिद का निर्माण कर हमारे प्रभु को ही उनके जन्मस्थान से बेदखल कर दिया गया।
कौन से देश में ऐसा अत्याचार होता है कि वहाँ की 80 प्रतिशत जनता को उन्ही के आराध्य अवतारों की पूजा-अर्चना के लिए कोर्ट कचहरी का चक्कर काटना पड़े। पूरे विश्व के इतिहास में ऐसा आपको एक भी उदाहरण नहीं मिलेगा लेकिन भारत में ऐसा ही होता है। सनातनियों को गंगा-जमुनी तहजीब के नाम पर लगातार मुर्ख बनाया जाता रहा और एक समुदाय विशेष का तुष्टिकरण करने का कार्य किया गया और बदले में सनातनियों को सिर्फ लूटा और बर्बाद किया गया।
भाजपा दिल्ली (BJP Delhi) के नेता रवि तिवारी (Ravi Tiwari) ने बताया कि सनातन धर्म (Sanatan Dharma) में सिर्फ तीन आराध्य अवतार हैं काशी में शिवजी, मथुरा में कृष्ण जी, अयोध्या में राम जी और सनातन धर्म (Sanatan Dharma) के प्रत्यके पवित्र स्थल पर तथाकथित शांतिप्रिय मजहब के द्वारा मस्जिद का निर्माण करा गया है। कोई हमें बताये कि हम कहाँ पूजने जाएं दुबई या मक्का मदीना। अपने ही देश में अपने ही अराध्य अवतारों की पूजा-वंदना करने के लिए 80 प्रतिशत सनातन धर्म (Sanatan Dharma) के मानने वालों को क़ानूनी लड़ाई लड़नी पड़ रही है। कोर्ट-कचहरी के चक्कर के काटने पड़ रहे हैं, किस देश में ऐसा अत्याचार होता है?
परन्तु अब समय ने करवट ले ली है सनातनियों को नरेंद्र मोदी जैसा ऐतिहासिक एवं साहसिक नेता मिला है। जिसने राम मंदिर आंदोलन को बल दिया है और एक अनुकूल सरकार का विकल्प दिया ताकि राम मंदिर का रास्ता प्रशस्त हो सके। अब दुःख के दिन बीत चुके हैं, जितने श्रीराम की चरणवंदना करने वाले लोग हैं, जो कलेजे में पत्थर रखकर भगवान राम को अभी तक तिरपाल में देखते आये हैं। अब कौशल्या नंदन राम को पूरे सम्मान एवं प्राण-प्रतिष्ठा के साथ भव्य मंदिर में विराजते हुए पाएँगे। जब तक हम भगवान राम को उनके मंदिर में जाकर दर्शन नहीं कर लेते, तब तक समस्त सनातनियों के कलेजे में ठंडक नहीं मिलने वाली है।
भाजपा दिल्ली (BJP Delhi) के नेता रवि तिवारी (Ravi Tiwari) ने बताया कि आज 22 जनवरी 2024 को आख़िरकार वह दिन आ ही गया जिसका हमें सदियों से इंतजार था। हमारे पूर्वजो का कोटि-कोटि धन्यवाद जिन्होंने अपने प्राणों को आहुति देकर इस लड़ाई को जिन्दा रखा और हमें यह भव्य राम मंदिर का दर्शन करने का सौभाग्य प्राप्त करने के योग्य बनाया। वो सारे लोग भी हमारी आँखों से इस भव्य राम मंदिर का दर्शन कर पाएंगे ऐसी हम उम्मीद करते हैं।
यह है रामजन्मभूमि आंदोलन का इतिहास
भाजपा दिल्ली (BJP Delhi) के नेता रवि तिवारी (Ravi Tiwari) ने बताया कि अयोध्या में भगवान राम के जन्मस्थान पर राममंदिर के निर्माण का दावा सदियों से किया जा रहा है। १६वी शताब्दी सन १५२८ में मुगल शासक बाबर उस भगवान राम के जन्मस्थान पर अवैध रूप से बाबरी मस्जिद का निर्माण करवा दिया। इस अवैध मस्जिद का निर्माण करके बाबर ने प्रत्यक्ष रूप से सनातन धर्मावलम्बियों (Sanatan Dharma) के सम्मान और स्वाभिमान को रौंदने का घिनौना कार्य किया। यदि उसको बाबरी मस्जिद का निर्माण करना ही था तो कहीं और कर लेता श्रीरामजन्मभूमि का स्थान ही उसे पूरे भारत में मिला था। यह विशुद्ध रूप से हिन्दुओं को उनके धार्मिक आस्था से अलग करने का एक कुत्सित प्रयास था। हिन्दू समुदाय ने इस मस्जिद को अवैध माना और इसे हटाने की मांग की।
भाजपा दिल्ली (BJP Delhi) के नेता रवि तिवारी (Ravi Tiwari) ने बताया कि तब से यह आंदोलन मंद गति से आगे बढ़ता रहा। १९८० का दशक राममंदिर आंदोलन के इतिहास में एक मील का पत्थर वाला समय साबित हुआ। आरएसएस (RSS) और बीजेपी (BJP) के नेतृत्व में पूरे देश के अंदर इस आंदोलन को बल मिला। जिसमे भाजपा नेता (BJP) लालकृष्ण आडवाणी ने एक अहम् भूमिका निभाई। इस आंदोलन ने पूरे भारत में मंदिर निर्माण के लिए समर्थन जुटाया। १९८६ में इलाहबाद उच्च न्यायालय ने यह निर्णय करा कि भूमि को तीन हिस्सों में विभाजित कर दिया गया। हिन्दू समूह ने इस फैसले को सिरे से ख़ारिज कर दिया और राम मंदिर निर्माण के अभियान में पहले से अधिक तेजी दिखाना शुरू कर दिया।
भाजपा दिल्ली (BJP Delhi) के नेता रवि तिवारी (Ravi Tiwari) ने बताया कि वर्ष १९९२ में कारसेवकों ने श्रीरामजन्मभूमि (Ramjanmbhumi Ayodhya) पर बने अवैध बाबरी मस्जिद के ढाँचे को ध्वस्त कर दिया। इस घटना ने राम मंदिर निर्माण की नींव रखी। लेकिन इस घटना से देश का सांप्रदायिक सौहार्द बिगड़ गया। जहाँ एक और सनातनियों ने शताब्दियों तक अपने आराध्य देव की जन्मस्थली पर एक विवादित एवं अवैध ढांचे को सहन किया और अपमान का कड़वा घूंट पीते रहे लेकिन कभी भी सांप्रदायिक सौहार्द को बिगड़ने नहीं दिया। वहीं दूसरी ओर तथाकथित शांतिप्रिय समुदाय के लोग एक अवैध मस्जिद के ढाँचे को ढहाया जाना सहन नहीं कर सके और देश को हिंसा की आग में झोंक दिया।
जैसे-तैसे हिन्दू समुदाय ने इस हिंसा को भी बर्दाश्त किया और इससे बाहर निकले। २०१० में सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले को तीन न्यायाधीशों की पीठ को हस्तांतरित कर दिया। २०१९ में सर्वोच्च न्यायालय ने यह फैसला किया कि श्रीरामजन्मभूमि पर श्रीराम और राम के चरणों की धूल को माथे पर लगाने वाले सनातनियों का ही अधिकार है। इसलिए वहाँ पर राममंदिर का निर्माण होना चाहिए।
भाजपा दिल्ली (BJP Delhi) के नेता रवि तिवारी (Ravi Tiwari) ने बताया कि प्रसिद्ध पुरातत्त्ववेत्ता केके मुहम्मद (KK Muhammed) जो कि इस्लाम धर्म को मानने वाले हैं उन्होंने भी कह दिया था कि राममंदिर (Ram Mandir) भूमि को मुसलमानों को सहर्ष हिन्दुओं को दे देनी चाहिए। क्योंकि इस भूमि पर न्यायिक एवं नैतिक अधिकार उन्हीं का है। इससे देश में भाई-चारा एवं प्रेम बढ़ेगा। यह सिर्फ मुसलमानों के द्वारा बड़े दिल दिखाने भर की बात नहीं है बल्कि हिन्दुओं का कानूनी अधिकार भी है।