युवा बीजेपी नेता रवि तिवारी ने कल गुरुवार को निहाल विहार वार्ड में महत्वपूर्ण बैठक की। इस बैठक का सबसे गंभीर मुद्दा रहा- राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली में लगातार बढ़ता प्रदूषण का स्तर। जिससे दिल्ली के लोगों को कई तरह की गंभीर समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है। लोगों को साँस लेने में परेशानी हो रही है और धुंध के कारण ठीक से दिखाई न देने से सड़क दुर्घटना के मामले भी बढ़ गए हैं। लोगों की जान पर बन आयी है कुछ गलत न करते हुए भी लोग घोर संकट में घिरे नजर आ रहे हैं और राजनीति एवं सरकार के जिम्मेदार लोग अपनी ही धुन में मस्त हैं।
इन समस्त समस्याओं से दो चार दिल्ली की जनता मुख्यमंत्री केजरीवाल से कुछ निरर्थक उम्मीद लगाए बैठी है। लेकिन मुख्यमंत्री साहब को चुनावी दौरों से फुर्सत ही नहीं मिल रही है तो वो क्या ही दिल्ली की जनता के दुःख दर्द को समझेंगे। साल में एक बार आने वाली दीवाली पर उन्होंने पटाखे न फोड़ने का ज्ञान देने के आलावा अभी तक तो फ़िलहाल इस मुद्दे पर कुछ करते दिखाई नहीं पड़ रहे हैं।
दिल्ली में 500 AQI के पार प्रदूषण स्तर
रवि तिवारी जी (Ravi Tiwary) ने यह बताया कि उत्तर भारत विशेषकर राजधानी क्षेत्र दिल्ली में तेजी से बढ़ता प्रदूषण चर्चा का केंद्र बना हुआ है। कई स्थानों में सांस लेना तक लोगों के लिए दुर्लभ कार्य हो चुका है। यहां पर हवा इतनी जहरीली हो गई है कि लोगों को सांस से जुड़ी समस्याओं से जूझना पड़ रहा है। आमतौर पर 50 एक्यूआई से कम हवा को गुड क्वालिटी का माना जाता है लेकिन दिल्ली में AQI 500 के पार हो चुका है।
केजरीवाल जी को जनता से संवाद करके उनसे क्षमा मांगनी चाहिए। जिस तरह से वह अपनी जिम्मेदारी निभाने में पूरी तरह से असफल साबित हुए हैं। क्या उन्हें नहीं पता था कि सर्दियों का मौसम शुरू होने के साथ ही प्रदेश भर में प्रदूषण की विकराल समस्या मुंह बाये खड़ी मिलेगी।
पराली पर रोक नहीं, दीपावली पर पूरा ज्ञान
पाठकों को विदित हो कि इस समय पंजाब में आम आदमी पार्टी की सरकार है। प्रति वर्ष केजरीवाल कहते थे कि पंजाब में पराली जलने से दिल्ली में प्रदूषण बढ़ रहा है, यह बंद होना चाहिए। लेकिन इस बार भी पराली पर कोई भी ठोस निर्णय नहीं लिया गया। आंकड़ों के हिसाब से देखा जाये तो पराली जलाने के पश्चात् ही प्रदूषण का स्तर बढ़ा है।
इस वर्ष तो दीपावली के त्यौहार के बहुत पहले से ही प्रदूषण बढ़ गया था जिसके चलते दीपावली पर फूटने वाले पटाखों को भी जिम्मेदार नहीं ठहराया जा सकता है। लेकिन मुख्यमंत्री साहब ने अंत में पटाखों की चर्चा कर ही दी। अपने ठोस निर्णय लेने की अक्षमता को दीपावली और पटाखों के पीछे छुपाना चाहते हैं। लेकिन इन सब चीजों का परिणाम दिल्ली की भोली-भाली जनता को भुगतना पड़ रहा है।
प्रदूषण कम करने के लिए उपाय
रवि तिवारी (Ravi Tiwary), भारतीय जनता पार्टी के एक सामान्य कार्यकर्ता और दिल्ली के एक जिम्मेदार नागरिक होने के नाते आप सबसे यह निवेदन करना चाहते हैं कि कि घर से बाहर निकलने पर अपने मुँह को मास्क से अवश्य ही ढके। जब बहुत आवश्यक हो तभी निजी वाहन का प्रयोग करें अन्यथा मेट्रो से अपनी यात्रा करें। रेहड़ी और ठेले वाले दुकानदार भाई भी कुछ दिनों तक कोयला इत्यादि का उपयोग न करते हुए गैस सिलेंडर का ही इस्तेमाल करें जिससे प्रदूषण के स्तर में गिरावट आये।