बीजेपी नेता रवि तिवारी (Ravi Tiwari) ने देश के यशस्वी प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी के द्वारा चलाये गए जन-धन योजना की ऐतिहासिक सफलता पर तारीफ की। मोदी जी ने 2014 में देश की बागडोर अपने हाथों में ली। उस समय बैंकिंग प्रणाली में जन भागेदारी अपने न्यूनतम स्तर पर थी। यदि देश की आर्थिक तरक्की को गति देनी थी तो सबसे पहले आम आदमी को बैंकिंग प्रणाली से जोड़ना आवश्यक था।
आज जो हम लोग डिजिटल इंडिया देख रहे हैं। हम देश के प्रत्येक इंसान के हाथ में मोबाइल से मनी ट्रांसफर करते हुए देखते हैं। यह सब कोई एक दिन में नहीं हो गया है। इसकी पृष्ठभूमि 2014 में ही रख दी गयी थी। यदि भारत में UPI इतनी तेजी से चल रहा है और ऑनलाइन ट्रांज़ैक्शन में बृद्धि हो रही है तो उसके पीछे जन-धन खाता योजना का महत्वपूर्ण योगदान है।
बीजेपी नेता रवि तिवारी (Ravi Tiwari) ने बताया कि देश के प्रत्येक नागरिक का खाता खुलवाने के पीछे यह भी उद्देश्य था कि जो सरकारी योजनाएं चलायी जाती हैं। उन योजनाओं का सीधा आर्थिक लाभ नागरिकों के खाते में पहुंचे। मोदी सरकार ने यह सुनिश्चित भी करा है। पहले सरकार द्वारा भेजी जाने वाली सहायता राशि बिचौलियों की भेंट चढ़ जाती थी। देश का आम नागरिक हाथ मलता रह जाता था।
अब देश के लगभग प्रत्यके नागरिक के पास अपना बैंक अकाउंट है। वह अपने आप को समाज की मुख्य धारा से जुड़ा हुआ पाता है। अब गरीब आदमी भी बचत के बारे में विचार करने लगा है। पहले बैंक खाता न होने की वजह से उसकी बचत राशि इधर-उधर के खर्चो में व्यय हो जाती थी। किसी भी प्रकार की प्रकार की सरकारी सहायता राशि के लिए अब लाइन में नहीं लगना पड़ता। बैंक खाते में ही सीधे राशि भेज दी जाती है।
बीजेपी नेता रवि तिवारी (Ravi Tiwari) ने बताया कि अब तक देश में प्रधानमंत्री जन-धन योजना के तहत 50 करोड़ से अधिक बैंक खाते खोले गए हैं। जो की दर्शाता है कि 2014 के पहले तक भारत में बैंकिंग व्यवस्था की क्या स्थिति थी। 50 करोड़ से अधिक जीरो बैलेंस के तहत खाता खोला जाना इस बात का परिचायक है कि देश के गरीबों की तरफ कभी भी ध्यान नहीं दिया गया। उन्हें कभी इस लायक नहीं समझा गया कि वह देश की आर्थिक तरक्की में अपना योगदान दे सकते है।
बीजेपी नेता रवि तिवारी (Ravi Tiwari) ने बताया कि परन्तु देश के यशस्वी प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी ने इस परिपाटी को तोडा और इन गरीब लोगो को बैंकिंग व्यवस्था से जोड़ने का काम किया। जीरो बैलेंस पर इनके बैंक खाते खोले गए। इनको देश की अर्थव्यवस्था की मुख्य धारा से जोड़ने का काम किया। देश में आर्थिक सुधार एवं बदलाव की नींव रखी।
अब तक खोले गए कुल खातों में से 67 प्रतिशत ग्रामीण और अर्ध शहरी इलाकों से हैं।