बीजेपी नेता रवि तिवारी (Ravi Tiwary) के शब्दों में, प्रति वर्ष की भांति इस वर्ष भी दिल्ली के प्रगति मैदान में लगा अंतर्राष्ट्रीय व्यापार मेला लोगों की उत्सुकता का केंद्र है। वोकल फॉर लोकल की सोच को बढ़ावा देने के लिए यह सब किया जा रहा है।
Ravi Tiwary BJP: ताकि लोगों में स्थानीय उत्पादों को लेकर जागरूकता पैदा हो। स्थानीय उत्पादों को बढ़ावा देने के लिए ही हर वर्ष की भांति इस वर्ष भी अंतर्राष्ट्रीय व्यापार मेले का आयोजन किया जा रहा है। इस मेले की पटकथा का केंद्र बिंदु वोकल फॉर लोकल को रखा गया है।
इसमें खादी वस्त्रो को बढ़ावा देने के लिए खादी मंडप भी है। पिछले कुछ समय में खादी वस्त्रो के लिए लोगो में जागरूकता बढ़ी है। जो कि भारतीय अर्थव्यवस्था के लिए एक शुभ संकेत है।
युवा नेता रवि तिवारी (Ravi Tiwary) ने कहा कि इस अंतर्राष्ट्रीय व्यापार मेला को एक मंच की भाँति इस्तेमाल करेंगे। जिससे कि लोगों में अपने ही देश के बने उत्पादों को लेकर रूचि और जागरूकता पैदा हो।
यह एक तरह से मोदी जी के वोकल फॉर लोकल को भी समर्थन देता है। भारत के बहुत से राज्यों के सुदूर इलाको में कई कलाएं और कारीगरी पनप रही हैं। उन सभी को एक मंच प्रदान करने का काम इस व्यापार मेले के माध्यम से किया जा रहा है।
फिलहाल इस मेले में लोगों के रुझान को देखकर लगता है कि भारत जल्द ही विदेशी उत्पादों के मकड़जाल से निकलकर आत्मनिर्भर बनेगा। भारत में बहुत से स्थानीय उत्पादों में ऐसी क्षमता एवं योग्यता है कि वह विश्व पटल पर प्रभाव बना सकते हैं।
कुल कितने उत्पादों के स्टाल उपलब्ध हैं?
इस अंतर्राष्ट्रीय व्यापार मेले में कुल 214 विभिन्न उत्पादों के स्टॉल उपलब्ध है। इन स्टालों पर आप पूरे भारत के राज्यों से विभिन्न स्थानीय सामग्रियों का चयन कर सकते हैं। यह व्यापर मेला पूरे देश के अंदर कारीगरों की कुशलता उनकी समृद्ध कला, विरासत का अद्भुत मिश्रण है।
इन सभी उत्पादों में खादी के उत्पादों के लिए 40 प्रतिशत स्टाल आरक्षित किये गए हैं। जो कि खादी निर्माण से जुड़ी संस्थाओं को आवंटित हैं। शेष 60 प्रतिशत ग्रामोद्योग एवं अन्य स्थानीय उद्योग से जुड़े उत्पादों को आवंटित की गयी हैं।
इन स्टालों पर उत्पादों के रूप में आप विभिन्न प्रकार की सामग्रियों का विक्रय कर सकते है जिनमें खादी के वस्त्र, सौंदर्य प्रसाधन, हस्तशिल्प, शहद, रत्न और आभूषण, लकड़ी के खिलौने, आयुर्वेद, बांस, पापड़, अचार आदि की इकाइयां शामिल हैं।
कुल कितने प्रदेश की इकाइयां भाग ले रही हैं?
इस व्यापार मेले और खादी मंडप में वैसे तो सभी राज्य की स्थानीय इकाइयाँ प्रतिभागी बन रही हैं। परन्तु उत्तर प्रदेश के लोग विशेष रूचि दिखा रहे हैं। देखने पर उत्तर प्रदेश की सबसे अधिक 26 संस्थाएं भाग ले रही हैं।
जम्मू कश्मीर की 13, बंगाल की आठ और कर्नाटक की पांच और राजस्थान की चार खादी संस्थाओं समेत करीब हर राज्य की संस्थाएं प्रतिभागी हैं।
यदि बात करें खादी के अलावा अन्य उत्पादों की तो उनमें वाराणसी का सिल्क साड़ी उद्योग और पशमिला उद्योग, तमिलनाडु से कांचीपुरम, मध्य प्रदेश से चंदेरी साडी जैसी कई अन्य औद्योगिक इकाइयां प्रमुख रूप से भाग ले रही हैं।
रवि तिवारी (Ravi Tiwary) ने किया कार्यक्रम का दौरा
बीजेपी के युवा नेता रवि तिवारी (Ravi Tiwary) जी ने कार्यक्रम का औपचारिक दौरा किया। इस दौरे में उन्होंने उन्होंने सभी उत्पादों की गहन जानकारी ली। समस्त व्यापारियों का धन्यवाद किया।
इसको वोकल फॉर लोकल कार्यक्रम के तहत आयोजित करने के लिए पीएम मोदी की तारीफ की। इसे भारतीय अर्थव्यवस्था के लिए वरदान और दूरगामी सोच का बताया। इससे ग्रामीण भारत के कारीगरों को बढ़ावा मिलेगा।
इस कार्यक्रम से ग्रामीण भारत के कारीगरों में भी आर्थिक आत्मनिर्भरता का विकास होगा और हमारा भारत एक समृद्ध और शक्तिशाली राष्ट्र बनेगा।
सभी देशवासी व विशेषकर दिल्ली के निवासियों से रवि तिवारी जी ने यह प्रार्थना की कि इस अंतर्राष्ट्रीय व्यापार मेले में अधिक से अधिक संख्या में पधारे। आपके आने से इस कार्यक्रम की भव्यता बढ़ेगी। हमारे देश के सुदूर हिस्सों से आये हुए औद्योगिक संस्थाओं एवं व्यापारी भाइयो का भी मनोबल बढ़ेगा।